Description
किस्से तथा कहानियां आदि काल से ही मनोरंजन तथा ज्ञानवर्द्धन का सशक्त व सुलभ माध्यम रही है । तब भी जब छापेखानों का आविष्कार नहीं हुआ था तब किस्से-कहानियां वाचिक होती थी । एक कहता और बाकी सुनते थे । आरम्भ में कहानियां कहने सुनने का समय संध्या काल होता था, । छापेखानों के आविष्कार से कहानियों को अपनी रुचि तथा सुविधानुसार पढ़ना सुगम हो गया । शताब्दियों बाद भी कहानियों का आकर्षण तनिक भी कम नहीं हुआ है । प्राचीन काल में प्रेम तथा युद्धों,किलेबंदी तथा मोर्चाबंदी विषयक कहानियां बहुतायत में कही-सुनी जाती थी । फिर नीति व बोधकथाओं का दौर आया । वर्तमान काल में कहानियों का क्षेत्र व्यापक है । प्रस्तुत कहानी संग्रह में हास्य-व्यंग्य, डरावनी (भूत-प्रेत संबंधी), ऐतिहासिक(धार्मिक), सामाजिक व पारिवारिक, तथा बाल कहानियां सम्मिलित हैं । पाँच श्रेणियों की कहानियाँ एक ही जिल्द में होने से इसका शीर्षक पचरंगी कहानियां रखा गया है ।
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