मोहल्ला

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इस कहानी संग्रह की प्रेरणा मुझे मेरी बेटी से मिली, कि मै उसे मौजूदा दौर के समाज, उसके विरोधाभासों, राजनीति के साथ ग्रामीण अँचल के माहौल और कुछ दिलचस्प किरदारों से रूबरू करा सकूँ। कहानी”मोहल्ला” समाज में हो रहे नैतिक पतन, बढ़ती संप्रदायिक खाई की बात करती है। इसे मै अपनी माँ और बेटी के आत्मीय संबंधों को समर्पित करता हुँ। कहानी”तुम्बु”चूहे बिल्ली की बहुत पुरानी कहानी के जरिये उस आबादी की बात करती है जो बार बार अपना नायक चुनती है और वो नायक उसी सत्ता का हिस्सा हो जाता है जिसके खिलाफ उसे खड़ा किया गया था। कहानी “बस्ती”समाज के उस भीड़ में बदलने की पड़ताल करती है जिसमें भीड़ एक कमजोर आदमी पर अत्याचार करती है और एक ताक़तवर आदमी के सामने डर भी जाती है। ये कहानी मै श्री महेंद्र सिंह जी (बहरोड़) को समर्पित है। कहानी “मोगेम्बो”महान अभिनेता अमरीश पुरी साहब के एक अमर किरदार के जरिये एक बच्ची के मन को टटोलने की कोशिश करती है। “एक तिबारा भूतों का” ग्रामीण अँचल मे व्याप्त अंधविश्वास की पड़ताल मीर सिंह और बिल्लू पहलवान जैसे किरदारों के जरिये करती है। “राक्षस”एक अदूरदर्शी राजा के एक ऐसे फैसले की तह तक जाती जिसनें उसके राजवंश को धवस्त कर दिया। “बंटी बन्ना”सबसे पहले एक कमाल के किरदार की कहानी है जिसमे वो लोकतत्र में सामंत शाही की कमजोर होती जड़ों की बात भी कर जाती है।इस कहानी के लिये मैं बहुत आभारी हुँ श्री भँवर सिंह जी खामोर (भीलवाड़ा,) का। “बलवई”भारत पाक विभाजन के दौरान एक बच्ची और एक बुजुर्ग महिला के जरिये उस खूनी दौर में भी मानवता की कहानी है। यह कहानी महान उपन्यासकार स्वर्गीय भीष्म साहनी साहब को श्रदांजलि है। बशीरी बी का किरदार उनके उपन्यास तमस की रज्जों का ही विस्तार है। मै अपने इस छोटे से प्रयास के लिए आभारी हुँ उन तमाम साहित्यकारों का, फिल्मकारों का और मेरी ज़िंदगी में आये किस्सागो महानुभावों का जिन्होंने मुझे अपनी बात अपने शब्दों में कहने का हुनर सिखाया। अंत में ये किताब मेरी ज़िंदगी में मौजूद उन चार शानदार शख़्शियतों को समर्पित करता हुँ जिन्होंने मेरी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के प्रयास किया है, परम आदरणीय गुरुदेव डॉ राम प्रकाश गुर्जर सर(आर पी सर), बड़े भाई श्री अशोक धारीवाल , श्री रजनीश व्यास जी जो मेरे सहयोगी और अधिकारी हैं, श्री आर सी यादव (रोटी बैंक, बानसुर, संचालक) जो मित्र, अग्रज, बड़े भाई हैं। धन्यवाद

Description

इस कहानी संग्रह की प्रेरणा मुझे मेरी बेटी से मिली, कि मै उसे मौजूदा दौर के समाज, उसके विरोधाभासों, राजनीति के साथ ग्रामीण अँचल के माहौल और कुछ दिलचस्प किरदारों से रूबरू करा सकूँ। कहानी”मोहल्ला” समाज में हो रहे नैतिक पतन, बढ़ती संप्रदायिक खाई की बात करती है। इसे मै अपनी माँ और बेटी के आत्मीय संबंधों को समर्पित करता हुँ। कहानी”तुम्बु”चूहे बिल्ली की बहुत पुरानी कहानी के जरिये उस आबादी की बात करती है जो बार बार अपना नायक चुनती है और वो नायक उसी सत्ता का हिस्सा हो जाता है जिसके खिलाफ उसे खड़ा किया गया था। कहानी “बस्ती”समाज के उस भीड़ में बदलने की पड़ताल करती है जिसमें भीड़ एक कमजोर आदमी पर अत्याचार करती है और एक ताक़तवर आदमी के सामने डर भी जाती है। ये कहानी मै श्री महेंद्र सिंह जी (बहरोड़) को समर्पित है। कहानी “मोगेम्बो”महान अभिनेता अमरीश पुरी साहब के एक अमर किरदार के जरिये एक बच्ची के मन को टटोलने की कोशिश करती है। “एक तिबारा भूतों का” ग्रामीण अँचल मे व्याप्त अंधविश्वास की पड़ताल मीर सिंह और बिल्लू पहलवान जैसे किरदारों के जरिये करती है। “राक्षस”एक अदूरदर्शी राजा के एक ऐसे फैसले की तह तक जाती जिसनें उसके राजवंश को धवस्त कर दिया। “बंटी बन्ना”सबसे पहले एक कमाल के किरदार की कहानी है जिसमे वो लोकतत्र में सामंत शाही की कमजोर होती जड़ों की बात भी कर जाती है।इस कहानी के लिये मैं बहुत आभारी हुँ श्री भँवर सिंह जी खामोर (भीलवाड़ा,) का। “बलवई”भारत पाक विभाजन के दौरान एक बच्ची और एक बुजुर्ग महिला के जरिये उस खूनी दौर में भी मानवता की कहानी है। यह कहानी महान उपन्यासकार स्वर्गीय भीष्म साहनी साहब को श्रदांजलि है। बशीरी बी का किरदार उनके उपन्यास तमस की रज्जों का ही विस्तार है। मै अपने इस छोटे से प्रयास के लिए आभारी हुँ उन तमाम साहित्यकारों का, फिल्मकारों का और मेरी ज़िंदगी में आये किस्सागो महानुभावों का जिन्होंने मुझे अपनी बात अपने शब्दों में कहने का हुनर सिखाया। अंत में ये किताब मेरी ज़िंदगी में मौजूद उन चार शानदार शख़्शियतों को समर्पित करता हुँ जिन्होंने मेरी ज़िंदगी को बेहतर बनाने के प्रयास किया है, परम आदरणीय गुरुदेव डॉ राम प्रकाश गुर्जर सर(आर पी सर), बड़े भाई श्री अशोक धारीवाल , श्री रजनीश व्यास जी जो मेरे सहयोगी और अधिकारी हैं, श्री आर सी यादव (रोटी बैंक, बानसुर, संचालक) जो मित्र, अग्रज, बड़े भाई हैं। धन्यवाद

Book Details

Available Format

Paperback Print

ISBN

9789365549133

Language

Hindi

Page Count

92

Published Year

2025

Size

5×8 in

Author

Rajiv "Yuva"

Publisher

OrangeBooks Publication

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